India, China sign agreements on water resources & culture
Nov 6,
India and China today signed agreements in the field of water resources and culture. The two countries inked the pacts in presence of Vice-president Mohd. Hamid Ansari and his Chinese counterpart Li Yuanchao in New Delhi. Vice-President Li will call on President Pranab Mukherjee and Prime Minister Narendra Modi this evening.
The visit of the Chinese Vice-President is part of the intensification of high-level exchanges between India and China. Li Yuanchao landed in New Delhi last night. This is the first ever visit by a Chinese Vice-President to India.
Li Yuanchao arrived in India on Tuesday and visited the Ajanta Caves. Thereafter he traveled to Kolkata and paid a visit to Jorasanko Thakurbari which is the ancestral home of Gurudev Rabindranath Tagore.
He also met Chief Minister Mamata Banerjee and Governor of West Bengal Keshari Nath Tripathi. The visits highlighted deep cultural linkages, ancient as well as contemporary, between the two countries.
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GAIL emerges highest ranking PSU in Carbon Disclosure Leadership Index
GAIL emerges highest ranking PSU in Carbon Disclosure Leadership Index
Secures 98 out of maximum 100, an increase of 12 points in one year
New Delhi, November 6, 2015: GAIL (India) Limited has emerged the highest ranking company among the country’s Public Sector Undertakings, and third overall, in the ‘Carbon Disclosure Leadership Index (CDLI)’ released by Carbon Disclosure Project (CDP)-India.
GAIL, India’s premier natural gas company, got a score of 98 out of maximum 100 in CDLI which was released at the Bombay Stock Exchange. GAIL showed a remarkable increase of 12 points from last year’s score which was a result of dedicated efforts of the company to be a responsible corporate especially in the area of climate change.
CDP India’s Climate Change 2015 report analyses the key trends coming out of the analysis of the responding Indian companies. The CDLI disclosure score assesses the completeness and quality of a company’s response. A high disclosure score signals that a company provided comprehensive information about the measurement and management of its carbon footprint, its climate change strategy and risk management processes and outcomes.
The CDP India Climate Change 2015 Report will be shared in the India Pavilion of Conference of Parties (COP) 21 to be held in Paris later this month. It will be attended by Heads of States and Governments across the globe including Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi. CDP is the only global natural capital disclosure system which is the most comprehensive collection of Corporate Climate Change Information. CDP India has been acknowledged in India’s commitment towards mitigation and adaptation of climate change specified in the INDC (Intended National Determined Conference).
Shri Prakash Javadekar, Hon’ble Minister of State (Independent Charge) Environment, Forest & Climate Change complemented the report saying, “Indian companies have indeed understood the mantra of sustainability growth – that going green makes sound business sense”.
The release of the report was followed by an interactive panel discussion attended by Sustainability Heads of top ranking CDLI Companies. Speaking on the occasion, Shri Santanu Roy, General Manager (Corporate Planning), GAIL said the company is tackling climate change through converting regulation risks into opportunities. He outlined how natural gas can play a significant role in India’s quest for Energy security. He also mentioned that going forward, GAIL would like to play a leading role in collaborating with other Indian oil and gas players for making positive impact of the sector specific sustainability and climate change.
भू-अधिग्रहण और दमन के खिलाफ जनविरोध प्रदर्शन
Standard
उत्पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट हों!
भू-अधिग्रहण और दमन के खिलाफ जनविरोध प्रदर्शन
16 नवम्बर 2015
समय : 3 बजे से
धरना स्थल : गांधी प्रतिमा, जीपीओ, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
साथियों,
केंद्र सरकार ने भले ही भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस ले लिया हो लेकिन हम सभी इस बात से भली भांति परिचित हैं कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जबरन भूमि अधिग्रहण का काम लंबे समय से चल रहा है। सोनभद्र जिले में बन रहे कनहर बांध के लिए हुआ भूमि अधिग्रहण हो या इलाहाबाद जिले में जे.पी.पावर प्लांट के लिए हो रहा भूमि अधिग्रहण। यहीं नहीं इसके अलावा नौगढ़ समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां आदिवासियों को उनके वनाधिकारों से महर्रूम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अधिकत्तर जिलों में दलित, आदिवासी, किसान और मजदूर अपनी आजीविका बचने के लिए संघर्षरत है। जहां एक तरफ प्रशासन किसी भी कीमत पर किसानों से उनकी जमीनें छीनकर पूंजीपतियों को सौंपने पर आमादा हैं वहीं दूसरी तरफ किसान निश्चय करके बैठे हैं कि चाहे जान चली जाए लेकिन वह जमीनें नहीं देंगे। भूमि अधिग्रहण कानून में यह स्पष्ट तौर पर उल्लिखित है कि बहु फसलीय जमीनों का अधिग्रहण सरकार नहीं कर सकती है किंतु सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की जमीनें हथियाने के फिराक में है।
केंद्र सरकार ने भले ही भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस ले लिया हो लेकिन हम सभी इस बात से भली भांति परिचित हैं कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जबरन भूमि अधिग्रहण का काम लंबे समय से चल रहा है। सोनभद्र जिले में बन रहे कनहर बांध के लिए हुआ भूमि अधिग्रहण हो या इलाहाबाद जिले में जे.पी.पावर प्लांट के लिए हो रहा भूमि अधिग्रहण। यहीं नहीं इसके अलावा नौगढ़ समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां आदिवासियों को उनके वनाधिकारों से महर्रूम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अधिकत्तर जिलों में दलित, आदिवासी, किसान और मजदूर अपनी आजीविका बचने के लिए संघर्षरत है। जहां एक तरफ प्रशासन किसी भी कीमत पर किसानों से उनकी जमीनें छीनकर पूंजीपतियों को सौंपने पर आमादा हैं वहीं दूसरी तरफ किसान निश्चय करके बैठे हैं कि चाहे जान चली जाए लेकिन वह जमीनें नहीं देंगे। भूमि अधिग्रहण कानून में यह स्पष्ट तौर पर उल्लिखित है कि बहु फसलीय जमीनों का अधिग्रहण सरकार नहीं कर सकती है किंतु सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर किसानों की जमीनें हथियाने के फिराक में है।
इसी का उदाहरण 9 सितंबर को इलाहाबाद जिले के करछना तहसील में स्थित कचरी गांव में देखने को मिला। 9 सितंबर की सुबह 15-20 गाड़ियों मे सवार पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ एवं एसटीएफ फोर्स धरना स्थल पर पहुंची और किसानों को गिरफ्तार कर जबरन धरना स्थल पर कब्जा जमा लिया। यह ताडंव यहीं नहीं बंद हुआ। इसके बाद फोर्स धरना स्थल से कुछ दूरी पर स्थित कचरी गांव में पहुंची और वहां पर गांव वालों के साथ मार-पीट और दुर्व्यवहार किया । नाबालिग से लेकर 75 वर्ष के बुजर्गों तक को नहीं छोड़ा गया। पिटाई के बाद लोगों को गाड़ियों में भूसे कि तरह भर कर जेल में डाल दिया गया। 42 गिरफ्तार किसानों में 13 से लेकर 17 साल तक के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस का तांडव जारी रहा कई घरों के दरवाजे खिड़कियां तोड़ कर घरों की तलाशी ली गयी। महिलाओं और यहां तक की बच्चों के साथ भी ज्यादतियां की गईं। ग्रामीणों के बीच दहशत कायम करने के लिए फोर्स द्वारा गोलियां भी चलाई गई।
आंदोलन के अगुआकार और किसान कल्याण संघर्ष समिति’ करछना के अध्यक्ष राजबहादुर पटेल की गिरफ्तारी हेतू जिला प्रशासन ने 12000 रूपये का इनाम भी घोषित किया है। किसानों पर दबाव बनाकर
आंदोलन खत्म कराने के लिए ग्रामीणों के उपर तीन फ़र्जी मुकदमे दायर किए गए-
आंदोलन खत्म कराने के लिए ग्रामीणों के उपर तीन फ़र्जी मुकदमे दायर किए गए-
- अपराध संख्या 369/15 धारा, 143,436 आईपीसी, 7 क्रिमिनल अमेन्डमेंड एक्ट
- अपराध संख्या 370/15 धारा 147,148 आईपीसी, 7 क्रिमिनल अमेन्डमेन्ट एक्ट
- अपराध संख्या 371/15 धारा 147,148,149,307,286,353,332,336, आईपीसी, 7 क्रिमिनल अमेन्डमेंड एक्ट
इन मुकदमों में 42 ग्रामीणों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। यह ग्रामीण आज तक जेल में हैं।
सिर्फ करछना ही नहीं उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के कनहर बांध के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में चले आंदोलन के चार साथी अभी भी जेल में हैं।
सिर्फ करछना ही नहीं उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के कनहर बांध के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में चले आंदोलन के चार साथी अभी भी जेल में हैं।
वहीं बारा में घटी एक घटना में एक मजदूर ने, जिसने अपनी जमीन इसलिए जेपी कंपनी को दी थी कि उसके बदले उसे नौकरी मिलेगी, काम से निकाले जाने की वजह से आत्महत्या कर ली। इस तरह की तमाम घटनाएं उत्तर प्रदेश की भूमि अधिग्रहण नीति की साजिश का पर्दाफाश करती हैं।
आज जरूरत बनती है कि हम सरकार की इन साजिशों के विरुद्ध खड़े होकर संघर्ष कर रहें इन किसानों के अधिकारों की रक्षा में सहयोग करें। इसी के प्रयास स्वरूप 16 नवंबर को राज्य की राजधानी लखनऊ में सभी किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों तथा संघर्षशील जनता की तरफ से एक विशाल जनप्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।
हमारी मांगे –
हमारी मांगे –
- राज्य में जबरन किसी भी तरह का भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाए।
- करछना में प्रस्तावित जेपी के पॉवर प्लांट को रद्द करने के लिए इलाहबाद उच्च न्यायालय 13 अप्रैल 2012 के आदेश के तहत जनता के प्रतिरोध को 9 सितम्बर 2015 को पुलिस द्वारा गोली एवं लाठी चार्ज कर किसानों, महिलाओं एवं बच्चों पर जो दमन किया गया उसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच अथवा सी.बी.आई. जांच कराई जाए। 13 अप्रैल 2012 के इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले के तहत जबरन भूमि अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगायी जाये।
- आंदोलनकारियों पर दायर फर्जी केसों को फौरन वापिस लिया जाए, आंदोलन के नेता राज बहादुर पटेल पर घोषित इनाम वापस लिया जाये। 9 सितम्बर 2015 से जेल में बंद 42 लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाए।
- सन् 2006 में संसद में पारित केन्द्रीय विशिष्ट कानून वनाधिकार कानून-2006 के क्रियान्वयन की स्थिति प्रदेश में अभी तक दयनीय बनी हुई है, जिसके कारण वनक्षेत्रों में समुदायों व वनविभाग के बीच का टकराव लगातार बढ़ रहा है लोग अभी तक अपने हक़ से वंचित हैं। इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
- उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि व्यवस्था संशोधन विधेयक, 2015 को तत्काल रद्द किया जाए।
- इस देश के नागरिकों को यह संवैधानिक अधिकार प्राप्त है, कि वे संविधान में प्राप्त अपने मौलिक अधिकारों के अनुच्छेद 19 के तहत अपनी बात रख सके, संगठन का निर्माण कर सकें व संगठित हो कर अन्याय के विरूद्ध लड़ सकें। जनवादी तरीके से चल रहे जनआंदोलनों पर दमन की कार्रवाईयों पर पूरी तरह से रोक लगे व ऐसा करने वाले अधिकारियों को कड़े रूप से दंडित किया जाये। जिला इलाहबाद में प्रशासन द्वारा लगायी गयी अघोषित आपातकालीन स्थिति को समाप्त किया जाये व शांति बहाल की जाये।
हम सभी न्यायपसंद लोगों तथा संगठनों से अपील करते हैं कि वह 16 नवंबर के प्रदर्शन में भागीदारी कर इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दें।
क्रांतकारी अभिवादन सहित !
रिहाई मंच, कृषि भूमि बचाओ मोर्चा, बिहान, महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच, मजदूर किसान मोर्चा, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम), सेज विरोधी संघर्ष समिति, गांव बचाओ आंदोलन, गाजीपुर, किसान पुनर्वास कल्याण सहायता समिति, करछना, गंगा एक्सप्रेस वे विरोधी आंदोलन, इंसाफ, निर्माण मजदूर पंचायत, कानपूर, जन संघर्ष समन्वय समिति, साझा संस्कृति मंच
संपर्क : शाहनवाज आलम (रिहाई मंच) 09415254919, रामाश्रय यादव (कृषि भूमि बचाओ मोर्चा) 09451779748, रविन्द्र सिंह (बिहान) 09415366655
4TH DELHI INTERNATIONAL FILM FESTIVAL OPENING CEREMONY TO HELD IN CENTRAL PARK,C.P !
The 4th International Film Festival will be hitting the national capital from 5thDecember to 10thDecember, 2015 to celebrate the 100 glorious years of Delhi and Hindi cinema which started in 2012. Organized by Social Circle the chief guest for the Fourth Edition of the film festival will be Honorable Deputy Chief Minister Shri Manish Sisodia.
Where the opening ceremony of the Delhi International Film Festival 2015 will be held at Central Park in Connaught Place, with Sri Lankan beauty Jacqueline Fernandez’;s film ‘Definition of Fear’, the closing ceremony will pay tribute to ‘The Show Man’ legendary actor Raj Kapoor with Russian Documentary ‘Comrade Raj Kapoor’.
The first film produced by YouTube, ‘Zero’ a short science fiction directed by David Victory will also be featured at the film festival.
Ketan Mehta, director of the much acclaimed film of the year ‘Manjhi’ will be awarded with the prestigious Minar-E-Dilliaward.
Stalwarts like Tigmanshu Dhulia, Ketan Mehta, Rehana Sultaan, Mehul Kumar, Raghubir Yadav, Piyush Mishra, Omi Vaidya, Arvind Gupta, Rituporna Sengupta and many other Actors and Film Makers from around the world will take part in the festival. The event which will last for a week will showcase more than 150 films from 90 countries, 200 artworks, fashion show, sufi night, kavi sammelan, including works from across India. More than 210 Films from 68 Countries will be showcased in 6 days. 50 NRI and Indian poets will be the part of the festival.
After the inaugural event at Central Park, the Festival will continue from 6th December to 10th December at the N.D.M.C Convention Centre.
Media Gossips
Standard
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Modi to reshuffle His Cabinet after Diwali,
Modi Likely to Win Bihar Election,
AAP unable bring EffiicientAdm in Delhi,
Corruption still exists in Delhi Govt.
RE-Solar cost dips Rs 4.60 Gudnews for energy deficit states.
Hydro- Electric to get top priority @ Modi sarkar.
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