२३ मार्च २०१२ को शहीदी दिवस
प्रिय मित्र,
सदियों में कभी भगत सिंह जैसा महापुरुष धरती
पर जन्म ले हमे अपने पावन कर्मो से धन्य करता है. भगत सिंह अपने में एक मानवता के
बिम्ब, क्रांतिकारियों के प्रेरक एवं इस देश और विश्व के यूवाओं के प्रेरणा स्त्रोत
थे. वो एक देदप्यिमान ज्ञान कुञ्ज थे.
ब्रतानिया हुकूमत ने २३ मार्च १९३१ को सुखदेव और राजगुरु के साथ
उनकी न्यायिक हत्या की. उन्होंने मात्र २३ वर्ष की आयु
में शहादत प्राप्त कर ब्रतानिया हुकूमत के साम्राज्यवादी शिकंजे को तोड़ पूर्ण
स्वराज्य पाने हेतु उस समय के महानेताओं का मार्गदर्शन किया
क्या शोषण रहित आधुनिक भारत का उनका स्वप्न पूरा
हुआ?
हम दोपहर २:३० से सायें ५:३० तक; २३ मार्च २०१२ को शहीदी दिवस (शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत का दिन) आगा खान हॉल, भगवान दास मार्ग (निकट मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन) में मना रहे है.
इस कार्यकर्म में शहीदों को श्रदांजलि देंगे, स्वंत्रता सेनानिओं को अलंकृत करेंगे और देश भक्ति के गाने गायेंगे. इसके अतिरिक्त पुस्तकों और कुछ भगत सिंह के सन्दर्भ में दुर्लभ दस्तावेजों का प्रदर्शन करेंगे. कार्यक्रम का अंत सायें ५:३० बजे एक मिनट के मौन से होगा.
आपकी उपस्थिति प्रार्थनीय है.
आपके अपने मित्र
राजीव कसेवा, सुरेश सभरवाल, अतुल बल, चिन्मोय मोहंती,
अतुल बिसेन, शशिकान्त, संजीव झा, नीलांशु सिंह, धीरज मल्होत्रा,
दीपक
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